भाटी वंश की प्रमुख रियासत जैसलमेर के राज्य चिह्न में एक
ढाल, खंजन पक्षी, ढाल के दोनों तरफ हिरण, बीच में बूर्जे और' एक बलिष्ट पुरूष की भुजा में एक तरफ से मुडा हूआ भाला अंकिन है । नीचे छत्राला यादव पति वाक्य अंकित है जेसलमेर का झंडा भगवा रंग का है और बीच मे राज्य चिह्न अंकितहै ।
भाटियों के गोत्र प्रवरादि
वश - चंद्रवंश
कुल परम्पण - यदू
कुलदेवता - लक्ष्मीनाथजी
कुलदेवी - सागिया
इष्टदेव - श्रीकृष्ण
वेद - यजुर्वेद
गोत्र - अत्रि
छत्र - मेघाडम्बर
ध्वज भगवा पीला रंण
ढोल - भंवर
नक्कारा - अग्नजोत (अणजीत)
गूरू - रतननाथ
पुरोहित - पुष्करणा ब्राहाण
पोलपात - रतनू चारण
नदी - यमुना
वृक्ष - पीपल और कदम्ब
राग - मांड
माला - वैजयन्ती
'विरुद - उत्तर भड़ किवाड़ भाटी
अभिवादन - जयश्री कृष्ण
भाटियो की खांपे ( शाखाएँ )
। . भाटी
2. भाटी यादव-अभोरिया भाटीं, गोगली भाटी, सिंघवार भाटी,
लडूवा भाटी, चहल भाटी, खंगार भाटी, धूकड़ भाटी, बुद्ध भाटी, धाराधर भाटी, कूलरिया भाटी, लोहा भाटी, उतैराव भाटी, चनहड़ भाटी, खापरिया भाटी, थहीम भाटी, जेतुग भाटी, घोटक भाटी, चेदू भाटी, गाहाड़ भाटी, पोहड़ भाटी, छेना भाटी, अटैरण भाटीं, लहुवा भाटी, लपोड़ भाटी, पाहू भाटी, इणधा भाटी, मूलपसाव, धोवाभाटी, पावसणा भाटी, 'अबोहरिया भाटी, राहड़ भाटी, हटा भाटी, भीया भाटी, बानर भाटी, पलासिया भाटी, मोकल भाटी, महाजाल भाटी, जसोड़ भाटी, जयचन्द भाटी, सिहड़ भाटी, अड़कमल भाटी. जैतसिंहोत भाटी, चरड़ा भाटी, लूणराव भाटी, कान्हड़ भाटी, ऊनड़ भाटी, सता भाटी, कीता भाटी, गोगादे भाटी, हमीर भाटी, हम्मीरोत भाटी, अर्जुनोत्त भाटी, केहरोत भाटी, सोम भाटी, रूपसिंहोत भाटी, मेहजलं भाटी, जेसा भाटी, सांवतसी भाटी, एपिया भाटी, तेजसिंहोन भाटी, साधर भाटी, गोपालदे भाटी, लाखण (लखमणा) भाटी, राजधर भाटी, परबत भाटी. हक्का भाटी, कुम्भा भाटी, केलायचा भाटी, भेसडेचा भाटी, सातलोत भाटी, मदा भाटी, ठाकृत्रसिंहोत भाटी, देवीदासोत भाटी, दूदा भाटी, जेत्तसिंहोत भाटी, बेरीशालोत भाटी, ल्लूणकणोंत्तभाटी, दीदा भाटी, मालदेवोत , खेत्तसिंहोत्त भाटी, नारायणदायोन भाटी, सगतहोत भाटी, -आखेराजोत भाटी, कानोत, पृथ्वीराजोत भाटी, उदयसिंहोत्त भाटी, दूदावत भाटी, तेजमालोत भाटी, गिरधारीदासोत्त भाटी, वीरमदेवोत्त माटी, रावलोत माटी, रावलोत देरावरिया भाटी, किलण भाटी, बिक्रमाजित केलण भाटी, शेखसरिया भाटी, हरभम भाटी, नेतावत भाटी, किशनावत भाटी, खीया भाटी-जेतावत, करणोत, धनराजोत्त माटी, बरसिह भाटी-वाला, सातल दूर्जनसालोन भाटी, पूणलिया भाटीं, बिदा भाटी, हमीर भाटी, शूरसेन यादव-बागड़िया, बनाफर छोकर. की निम्न खापें
ढाल, खंजन पक्षी, ढाल के दोनों तरफ हिरण, बीच में बूर्जे और' एक बलिष्ट पुरूष की भुजा में एक तरफ से मुडा हूआ भाला अंकिन है । नीचे छत्राला यादव पति वाक्य अंकित है जेसलमेर का झंडा भगवा रंग का है और बीच मे राज्य चिह्न अंकितहै ।
भाटियों के गोत्र प्रवरादि
वश - चंद्रवंश
कुल परम्पण - यदू
कुलदेवता - लक्ष्मीनाथजी
कुलदेवी - सागिया
इष्टदेव - श्रीकृष्ण
वेद - यजुर्वेद
गोत्र - अत्रि
छत्र - मेघाडम्बर
ध्वज भगवा पीला रंण
ढोल - भंवर
नक्कारा - अग्नजोत (अणजीत)
गूरू - रतननाथ
पुरोहित - पुष्करणा ब्राहाण
पोलपात - रतनू चारण
नदी - यमुना
वृक्ष - पीपल और कदम्ब
राग - मांड
माला - वैजयन्ती
'विरुद - उत्तर भड़ किवाड़ भाटी
अभिवादन - जयश्री कृष्ण
भाटियो की खांपे ( शाखाएँ )
। . भाटी
2. भाटी यादव-अभोरिया भाटीं, गोगली भाटी, सिंघवार भाटी,
लडूवा भाटी, चहल भाटी, खंगार भाटी, धूकड़ भाटी, बुद्ध भाटी, धाराधर भाटी, कूलरिया भाटी, लोहा भाटी, उतैराव भाटी, चनहड़ भाटी, खापरिया भाटी, थहीम भाटी, जेतुग भाटी, घोटक भाटी, चेदू भाटी, गाहाड़ भाटी, पोहड़ भाटी, छेना भाटी, अटैरण भाटीं, लहुवा भाटी, लपोड़ भाटी, पाहू भाटी, इणधा भाटी, मूलपसाव, धोवाभाटी, पावसणा भाटी, 'अबोहरिया भाटी, राहड़ भाटी, हटा भाटी, भीया भाटी, बानर भाटी, पलासिया भाटी, मोकल भाटी, महाजाल भाटी, जसोड़ भाटी, जयचन्द भाटी, सिहड़ भाटी, अड़कमल भाटी. जैतसिंहोत भाटी, चरड़ा भाटी, लूणराव भाटी, कान्हड़ भाटी, ऊनड़ भाटी, सता भाटी, कीता भाटी, गोगादे भाटी, हमीर भाटी, हम्मीरोत भाटी, अर्जुनोत्त भाटी, केहरोत भाटी, सोम भाटी, रूपसिंहोत भाटी, मेहजलं भाटी, जेसा भाटी, सांवतसी भाटी, एपिया भाटी, तेजसिंहोन भाटी, साधर भाटी, गोपालदे भाटी, लाखण (लखमणा) भाटी, राजधर भाटी, परबत भाटी. हक्का भाटी, कुम्भा भाटी, केलायचा भाटी, भेसडेचा भाटी, सातलोत भाटी, मदा भाटी, ठाकृत्रसिंहोत भाटी, देवीदासोत भाटी, दूदा भाटी, जेत्तसिंहोत भाटी, बेरीशालोत भाटी, ल्लूणकणोंत्तभाटी, दीदा भाटी, मालदेवोत , खेत्तसिंहोत्त भाटी, नारायणदायोन भाटी, सगतहोत भाटी, -आखेराजोत भाटी, कानोत, पृथ्वीराजोत भाटी, उदयसिंहोत्त भाटी, दूदावत भाटी, तेजमालोत भाटी, गिरधारीदासोत्त भाटी, वीरमदेवोत्त माटी, रावलोत माटी, रावलोत देरावरिया भाटी, किलण भाटी, बिक्रमाजित केलण भाटी, शेखसरिया भाटी, हरभम भाटी, नेतावत भाटी, किशनावत भाटी, खीया भाटी-जेतावत, करणोत, धनराजोत्त माटी, बरसिह भाटी-वाला, सातल दूर्जनसालोन भाटी, पूणलिया भाटीं, बिदा भाटी, हमीर भाटी, शूरसेन यादव-बागड़िया, बनाफर छोकर. की निम्न खापें
30 comments
Rawlot Bhati ke bare me koi knowlege ya vansawali hai to plzz send me huam
Rawlot Bhati ke bare me koi knowlege ya vansawali hai to plzz send me hukam
9079672882
bhawanisingh1794@gmail.com
plzz contact me .....
Lalawat bhati
Jaiswal Bhati or bargala bhati isme nhi dikhaya
Jayas, jaisa ,jasol bhati rajputo ki branches h.Jayas bhatiyo ke Mathura up me 36villeges h.jayas and jaisa are the same thing
Jayas bhati h Uske bare m bhi dihaya jay
Jayas bhi bhatiyo ki branch h .show kiya jay
Something about jaisa bhati
जय श्री
8209559057
Uprokt sbhi se nivedan hai ki aap is sambandh main apne ray,bhat jo rajsthan se aate hain unse poorn jankari kar sakte hain
आप लोग राजपुत नही बल्कि यादव हो। यह कोर्ट ने भी आदेश दिया। और तो और राजपुत समूह भी आप को न ही सम्मान के नजर से देखता है और न ही यदुवंशी मानता है।
राजपुत वंशावली के बारे में राजपुत समाज के महान कवि चन्दबरदाई ने पृथ्वीराज रासो में लिखा है कि
राजपूतोँ के वंश
"दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण,
चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाण,
भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान,
चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण.
अर्थ:-दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय,बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है,बाद में भौमवंश नागवंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का पमाण मिलता है।
अब यह बताइये की इसमें यदुवंशी अथवा यादव कहाँ हैं भाई। जैसा कि वेद पुराणों में लिखा है कि ययाति ने अपने जयेष्ट पुत्र यदु को अपना बुढ़ापा न लेने पे अपने नाम से बेदखल कर दिया था। और कहा था कि आज से मेरे प्रिय पुत्र पुरु के वंशज ही चन्द्रवंशी कहलाने के अधिकारी होंगे।
इसी लिए तभी से यदु वंश के वंशज यादव या अहीर सर नेम लगाते चले आएं जबकि इनका चन्द्रवँशी शब्द से कोई लेना देना नही रह गया।
और ऊपर दिया गया कविता भी पृथ्वीराज रासो का है जिनको राजपुत समाज अपना सबसे प्रमाणित कवि मानता हैं। जिसमे सूर्य वंश चन्द्रवंश की तो बात की गयी किन्तु कहिं यदुवंश की बात ही नही। यह कविता एक ही नही बल्कि राजपुत वंशावली के बारे कइयों ने लिखा। जिससे पता चलता कि भाटी,जाडेजा,सैनी,चुडासमा,जादौन इत्यादि अपने को यदुवंशी मानने वालों को ही राजपुत समाज यादव नही मानता। बल्कि चन्द्रवँशी मानता है।
निष्कर्ष आप लोगों के सामने है या तो स्वयं को यादव मानो या फिर राजपुत।
Bhai tujhe yehi nhi pta ki yaduvansh chandravansh ki hi ek shakha h
Please consult the Book Rawal Family of Amka written by me. Systematic genealogy of Bhati Rawlot is given there.
vohra kstriya tittle rai kon se bhati ya bhatti ha.ya dusra rajpoot clan is ha
vohra kstriya tittle rai kon se bhati ya bhatti ha.ya dusra rajpoot clan is ha
इतहास चोर मूर्खो 1910 के बाद तुमने यादव लगाया और तेरी हैसियत से परे
परे चंद्रवंश और उसमे हुवे राजा यदु जिनके वंश यदुवंश और उन्ही की पीढ़ी में भगवन श्री कृष्णा
और अनपढ़ 10 चंद्र और 10 सूर्य ये तो तुजे पता है तो ये भी पढ़ लिया होगा 10 चंद्र में भाटी जडेजा जादोन् चूडास्मा झाला इत्यादि वंश हे
और तू मुर्ख हे इसका मतलब ये नही की सब मुर्ख हे संम्मान की बात करता है अरे जिन भाटी राजवंश ने सदियों तक इस धरा पर राज करते आये 11 शाके जिनके नाम है जैसलेमर भटनेर देरावर पूंगल भटिंडा केहरोर जैसे किले आज वर्तमान में भाटी के मौजूद है उन किलो में जा और वहाँ की धूल अपने माथे पर लगा कर माफ़ी मांग भगवान श्री कृष्ण से।।
नीच लोगो क्यों तुम राजपूतो के तलवे चाटने और मरने आते हो तुम आज जिन्दा हो तो राजपूतो की वजह से 2 अक्षर पढ़ क्या लिए तुम तुम्हारे बाप को आँख दिखाने निकल गए ।।
भगवान श्री कृष्ण यदुवंशी थे उनके वंशज हैं राजपूत इसलिए कि राज वंश में जन्म लिया जिसने राज किया वो राजपूत कहलाऐ पहले वंशज होते थे जातियां बाद बनी है
Chandrvansi bhati h .thik h .jo us dohe me aata h .
छेना भाटी के बारे में कोई जानकारी हो तो बताये
Kharwad kis rajput ki sakha he jadon ya bhati
Bhati bhati sab bhai he koi bhi cast kam nhi he rajput me
9509912098
Call me myself kuldeep singh ravlot 95216 79162
राहड़ भाटी
जोया भाटी
तुझे अपनी तीसरी पीढ़ी का पता नहीं और हमसे सवाल कर रहा है जा मुन्ना पहले अपने वंश का पता कर ले फिर हमारे पास आना
गोगली भाटी
pls visit on my site for bhati vanshawali villagetepoo.online and main on my mail for any type of vanshawali : rajindia4ever@yahoo.com
barsing Bhati ki history btao bhai
Bhaisab kya Jaisalmera bhati jadam bhati and sultane ke bhati ki koi sakha hai kya?
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